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  • एनएफआर में 145 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें

    एनएफआर में 145 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें

    मालेगांव। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने यात्री सुविधा और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। टिकट काउंटरों पर कतारें कम करने के लिए, 69 स्टेशनों पर 145 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) लगाई जा रही हैं।

    ये एटीवीएम 24 गुणा 7 मानवरहित कियोस्क के रूप में काम करेंगी, जिससे यात्री स्मार्ट कार्ड या क्यूआर कोड का उपयोग करके अनारक्षित टिकट खरीद सकेंगे। स्मार्ट कार्ड को निर्धारित टिकट काउंटरों पर रिचार्ज किया जा सकेगा, जिससे यात्रा का अनुभव आसान हो जाएगा।

  • एनएफआर का रंगिया मंडल 100 प्रतिशत विद्युतीकृत

    एनएफआर का रंगिया मंडल 100 प्रतिशत विद्युतीकृत

    मालेगांव। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने जनवरी से जुलाई 2025 की अवधि के दौरान अपने विद्युतीकरण अभियान और हरित ऊर्जा पहलों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो इस क्षेत्र में टिकाऊ और कुशल रेलवे परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    इस अवधि में कुल 1,043 रूट किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, चापरमुख-होजाई डाउन लाइन (45.69 टीकेएम) और दुधनाई-अज़ारा सेकेंड लाइन (99.32 टीकेएम) के बीच दोहरीकरण परियोजनाओं के अंतर्गत दोहरी लाइन खंडों पर विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। इस उपलब्धि के साथ, रंगिया मंडल अब पूरी तरह से विद्युतीकृत (100 प्रतिशत) हो गया है।

    परिणामस्वरूप,राजधानी एक्सप्रेस अब रंगिया-रंगपाड़ा मार्ग से डिब्रूगढ़ तक विद्युत चालित हो रही है। इसके अलावा, डिब्रूगढ़ तक विद्युतीकरण पूरा होने के बाद, नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस जून 2025 से न्यू तिनसुकिया होते हुए शुरू से अंत तक विद्युत चालित हो रही है।

  • पापट पल्लि-डोर्नकल स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन

    पापट पल्लि-डोर्नकल स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन

    गोरखपुर। दक्षिण मध्य रेलवे के पापट पल्लि-डोर्नकल स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन के निर्माण कार्य के परिप्रेक्ष्य में प्री-नॉन इंटरलॉकिंग/नॉन इंटरलॉकिंग कार्य किया जा रहा है।

    गोरखपुर से 10 एवं 12 अक्टूबर को चलने वाली गाड़ी संख्या 12511 गोरखपुर-तिरुवनन्तपुरम उत्तर (कोच्चुवेली) एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

    तिरुवनन्तपुरम उत्तर (कोच्चुवेली) से 14 एवं 15 अक्टूबर को चलने वाली गाड़ी संख्या 12512 तिरुवनन्तपुरम उत्तर (कोच्चुवेली)-गोरखपुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

    बरौनी से 13 अक्टूबर, 2025 को चलने वाली गाड़ी संख्या 12521 बरौनी-एरणाकुलम एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

    एरणाकुलम से 17 अक्टूबर को चलने वाली गाड़ी संख्या 12522 एरणाकुलम-बरौनी एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

  • न्यू बोंगाईगांव वर्कशॉप ने हासिल की महत्वपूर्ण प्रगति

    न्यू बोंगाईगांव वर्कशॉप ने हासिल की महत्वपूर्ण प्रगति

    हुबली। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अंतर्गत न्यू बोंगाईगांव वर्कशॉप (एनबीक्यूएस) ने जुलाई महीने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जो गुणवत्ता रखरखाव, नवाचार और परिचालन उत्कृष्टता के प्रति इसकी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    कोच उत्पादन और रखरखाव के संदर्भ में, कार्यशाला ने कुल 78.5 कोच तैयार किए। इनमें 24 आईसीएफ (नॉन-एसी), 4 आईसीएफ (एसी), 20 एलएचबी (नॉन-एसी), 14 एलएचबी (एसी) जिसमें 4 पावर कार शामिल हैं।

    साथ ही 6 डेमू ट्रेलर कोच, 2 डेमू ड्राइविंग पावर कोच, 2 एनएमजीएचएस (पीओएच), 6 एनएमजीएचएस/एनएमजीएच परिवर्तित कोच और 1 इंटरमीडिएट ओवरहालिंग कोच शामिल हैं।

    इसके अतिरिक्त, इस महीने 134 वैगन तैयार किए गए, साथ ही 11 वैगन सेंटर बफर कपलिंग (सीबीसी) योक की अनुपलब्धता के कारण रुके हुए थे।

    ट्रॉली डिस्पैच गतिविधियों में, कार्यशाला ने कुल 108 कोच सेट भेजे, जिनमें 43 एसएस1 सेट, 20 एलएचबी नॉन-एसी, 23 एलएचबी एसी, 52 आईसीएफ नॉन-एसी, 7 आईसीएफ एसी और 6 डेमू सेट शामिल थे।

    व्हील डिस्पैच श्रेणी के अंतर्गत, एनबीक्यूएस ने 223 व्हील जोड़े भेजे, जिनमें बीसीएन के 72 जोड़े, एलएचबी के 105, आईसीएफ के 42 और 4 विशेष श्रेणी के व्हील शामिल थे।

  • बसबारी में बनेगी वैगन वर्कशॉप

    बसबारी में बनेगी वैगन वर्कशॉप

    मालेगांव। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने असम के कोकराझार जिले के अलीपुरद्वार मंडल के बसबारी में वैगन पीरियोडिक ओवरहालिंग (पीओएच) कार्यशाला के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया।

    इस दौरान, बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद के टी.सी.एल.सी.सी. के अध्यक्ष उत्तम हाजोवारी भी वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। इस कार्यशाला की स्थापना 250 वैगन प्रति माह की कुल क्षमता के साथ प्रस्तावित है, और पहले चरण में 75 वैगन प्रति माह का लक्ष्य रखा गया है।

    प्रथम चरण में 256.35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना, रोज़गार के व्यापक अवसर प्रदान करने, कौशल विकास को प्रोत्साहित करने, स्थानीय संबद्ध उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    साथ ही असम के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) को पूर्वाेत्तर भारत में एक महत्वपूर्ण रसद और औद्योगिक केंद्र में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

    लगभग 2500 बीघा क्षेत्र में फैली, बसबाड़ी पीओएच कार्यशाला बसबाड़ी स्टेशन से केवल 1 किमी और रूपसी हवाई अड्डे से 17 किमी दूर स्थित है।