water train : रेलवे बना मददगार, ट्रेन से पानी की आपूर्ति

-चेन्नई में जबरदस्त जल संकट
सुब्रमण्यम अय्यर-(chennai Bureau)

चेन्नई। इन दिनों भयंकर पेयजल संकट से जूझ रहे चैन्नई वासियों के लिए रेलवे (railway)मददगार बनकर उभरा है। रेलवे ने चेन्नई के लोगों की प्यास बुझाने के लिए वाटर ट्रेन (water train)चलाई है। इस वाटर ट्रेन (water train) से पानी की आपूर्ति की जा रही है। तमिलनाडु के जोलारपेट्ट से पानी भरकर चेन्नई भेजी जा रही है। इस वाटर ट्रेन (water train) के लिए तमिलनाडु सरकार रेलवे को हर दिन 32 लाख रूपए का भुगतान कर रही है। रिटयर्ड स्वास्थ्य अधिकारी शाही मैथ्यूज, जो दक्षिणी चेन्नई में रहते हैं,वो पानी के लिए प्राइवेट सप्लायर पर निर्भर हैं। उन्होंने बताया कि अप्रेल में वाटर टैंकर का खर्च 2000 आता था, लेकिन अब यह खर्च बढ़कर 5000 रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि वह पेंशन के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं। चेन्नई के सभी चार जलाशयों के सूख जाने के बाद पाइप से पानी की आपूर्ति में 40 प्रतिशत की कटौती हुई है। शहर के कई हिस्सों में निजी टैंकरों के संचालकों ने पानी की लागत को दोगुना कर दिया है। इससे पहले, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने राज्य सरकार की योजनाओं की घोषणा की थी कि जोलारपेट्टे से ट्रेन से प्रतिदिन एक करोड़ लीटर पानी चेन्नई पहुंचाया जाएगा।

water train : तमिलनाडु चुका रहा है हर दिन 32 लाख

पलानीस्वामी ने कहा था कि वाटर ट्रेन योजना के लिए 65 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। पानी की 4 विशेष वाटर ट्रेन के लिए राज्य रेलवे को हर दिन 32 लाख रुपए दे रहा है। हालांकि इन विशेष ट्रेनों के लिए पानी का सोर्स बने मेट्टूर डैम का जलस्तर वर्तमान में आधे से भी कम है। इस बीच तमिलनाडु के जोलारपेट्टे से आज सुबह सूखाग्रस्त चेन्नई के लिए रवाना हुई ट्रेन 25 लाख लीटर पानी के साथ विल्लिवक्कम पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि 50 डिब्बों में पानी लाई इस ट्रेन के प्रत्एक डिब्बे में 50,000 लीटर पानी है। ट्रेन सुबह सात बजकर 20 मिनट पर जोलारपेट्टे से रवाना हुई थी। ट्रेन को गुरुवार को वहां पहुंचना था लेकिन वाल्व में रिसाव के कारण इसमें देरी हो गई। चेन्नई के कई क्षेत्रों में पिछले चार महीने से पानी की किल्लत है। ट्रेन को गुरुवार को वहां पहुंचना था लेकिन वाल्व में रिसाव के कारण इसमें देरी हो गई। चेन्नई में चल रहे संकट से निपटने में मदद के लिए ऐसी दो ट्रेनों को एक दिन में 11 मिलियन लीटर पानी पहुंचाने के लिए लगाया गया है।