vande bharat : वर्ष 2022 तक बनाई जाएंगी 40 ट्रेन

-इस साल वंदे भारत ट्रेन (vande bharat) के कोच का निर्माण नहीं
नई दिल्ली।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने सोमवार को कहा कि इस वित्त वर्ष में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (vande bharat) के डिब्बों का निर्माण नहीं किया जाएगा। साथ ही, रेलवे ने अधिक ऊर्जा खपत की वजह से तीसरी रेल के उत्पादन को भी रोक दिया है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन (vande bharat) से जुड़े मुद्दों का समाधान कर दिया गया है और मार्च 2022 तक 40 और ऐसी ट्रेनें बनाई जाएंगी।

वंदे भारत में बिजली की खपत ज्यादा

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि इस ट्रेन की बिजली खपत विश्व मानकों से काफी ज्यादा है। हमें एहसास हुआ कि हम जब बड़ी संख्या में उत्पादन करते हैं तो हमारे पास इतनी ज्यादा बिजली की खपत करने वाली ट्रेन नहीं हो सकती है। इसलिए हमने आरडीएसओ के जरिए मानकों की समीक्षा करने का फैसला किया ताकि उन ट्रेनों को ऐसा बनाया जाए जिसमें बिजली की कम खपत हो। हम 2019-20 में और वंदे भारत एक्सप्रेस नहीं बनाएंगे लेकिन हम 2020-21 में 15, 2021-22 में 25 ट्रेनों को तैयार करेंगे।

दूसरी वंदे भारत (vande bharat) दिल्ली से कटरा के बीच

एक अन्य रेलवे अधिकारी ने बताया कि उद्योग से मिली प्रतिक्रिया (फीडबैक) के आधार पर भारतीय रेलवे बोलियां दाखिल कराने के लिए जमा करने के लिए समुचित समय देने पर सहमत हो गया है। दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली से कटरा के बीच चलेगी।

चार साल में खत्म होंगे चौकीदारफाटक

यादव ने कहा कि रेलवे ने मानव रहित क्रॉसिंगों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है और अगले चार साल में सबसे व्यस्तम मार्गों से चौकीदार वाले रेल फाटकों को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान व्यस्तम मार्गों पर चौकीदार वाले रेल फाटकों को खत्म करने पर केन्द्रित है। हम पहले ही 50,000 करोड़ रुपए की लागत से एक बार में 2565 क्रॉसिंग खत्म करने के लिए एक मसौदा कैबिनेट नोट भेज चुके है। हम केंद्र सरकार से 100 फीसदी कोष मांग रहे हैं और उम्मीद है कि अगले चार साल में इन्हें खत्म कर देंगे।

निगमीकरण चर्चा के बाद

यादव ने कहा कि रेलवे उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करने के विचार का मकसद उत्पादन में इजाफा करना है ताकि ये न सिर्फ रेलवे की सभी जरूरत पूरी कर पाएं और निर्यात के लिए भी उत्पादन कर सकें। उन्होंने कहा कि पक्षों से चर्चा के बिना निगमीकरण पर फैसला नहीं किया जाएगा।

50 रुपए मे छोला-भटूरा

यादव ने कहा कि रेलवे एक नीति बना रहा है। इसके तहत यात्री न सिर्फ ई-केटरिंग के जरिए अपनी पसंद का खाना ऑर्डर कर पाएंगे बल्कि उनके पास किफायती दाम पर खाना ऑर्डर करने का भी विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि अलग अलग तरह के ग्राहक होते हैं। ऐसे लोग जो खाने पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना चाहते हैं, हम उनके लिए 50 रुपए में छोले भटूरे, डोसा, पूड़ी सब्जी जैसे भोजन की व्यवस्था करेंगे। वहीं जो लोग 200-250 रुपए तक खर्च करना चाहते हैं तो ई-केटरिंग के जरिए खाना ऑर्डर कर सकते हैं।