वंदे भारत का दूसरा संस्कण 3 मई को पटरियों पर

बीकानेर। भारतीय रेलवे की सबसे सुखद, आधुनिक और पहले बिना इंजन वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (vande bharat express) नया संस्करण अगले सप्ताह आ सकता है। वंदेे भारत एक्सप्रेस को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है। यदि सबकुछ ठीकठाक चला तो 3 मई 2019 को दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस पटरियों पर दौड़ सकती है। रेलवे के उच्चाधिकारी इस गाड़ी को लेकर काफी उत्साहित है। इस नई वंदे भारत एक्सप्रेस में मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं। पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस (vande bharat express) का दूसरा चरण अपेक्षाकृत ज्यादा सुधरा हुआ होगा। मई में दूसरी ट्रेन को पटरी पर उतारने के बाद दो ट्रेन और तैयार की जाएंगी। तीसरी ट्रेन को इस साल अक्टूबर या दिसंबर तक जबकि चैथी ट्रेन को अगले साल फरवरी तक शुरू कर दिया जाएगा।

शीशे नए फ्रेम में

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएपफ) में ही वंदे भारत एक्सप्रेस का तैयार किया जा रहा है। आईसीएफ ने दूसरी ट्रेन को कुछ खास बदलावों के साथ तैयार किया है। पहली ट्रेन पर पत्थरबाजी को देखते हुए इस बार ट्रेन में मजबूत शीशें लगाये जा रहे हैं। नई वंदे भारत एक्सप्रेस में शीशों को पथराव से बचाने के लिए खिड़कियों में विशेष फ्रेम होंगे। इतना ही इसमें पहली ट्रेन की तुलना में बड़ी पेंट्री की सुविधा भी होगी। बड़ी पेंट्री करने के उद्देश्य यह है कि ये ट्रेन लंबी दूरी वाले रूट पर चल सकती है जिससे यात्रियों को दो बार भोजन परोसा जाता है, इसलिए अधिक भंडारण स्थान की आवश्यकता होती है।

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली-वाराणसी के बीच

देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली और वाराणसी के बीच दौड़ रही है। यह नई दिल्ली से सुबह 6 बजे रवाना होती है और दोपहर 14 बजे वाराणसी पहुंचती है। वापसी में यह गाड़ी दोपहर 15 बजे वाराणसी से रवाना होने के बाद रात 23 बजे दिल्ली पहुंचती है। यह ट्रेन दोनों तरफ 8 घंटे का समय लेती है। दिल्ली और वाराणसी के बीच में यह ट्रेन सिर्फ इलाहबादव कानपुर में ही रूकती है। इसके ै भाड़े में भोजन शुल्क शामिल हैं। वंदे भारत के किराए भोजन शुल्क में शामिल हैं। एसी चेयर कार का किराया 1755 रूपए और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 3,300 रुपए किराया है।