चेन्नई। थिरूवरूर जंक्शन और पट्टुक्कोटई खण्ड के बीच आमान परिवर्तन (gauge conversion) का काम पूरा हो चुका है। इस खण्ड में नई ब्राॅडगेज लाइन डाल दी गई है, काम पूरा होने के बाद अब सीआरएस सर्वे होगा। अर्थात दक्षिण रेलवे सर्किल बेंगलूरू के कमीश्नर आॅफ रेलवे सेफ्टी इस खण्ड में 26 से 29 मार्च 2019 के बीच सर्वे करेंगे। 26 मार्च से 28 मार्च तक ट्रेक की बारीकियां देखी जाएगी। 29 मार्च को पट्टुक्कोटई से थिरूवरूर के बीच स्पीड ट्रायल होगा। अर्थात इस खण्ड में सुबह 10 बजे से शाम 17 बजे तक रेल चलाकर ट्रेक की मजबूती देखी जाएगी और इसी टेस्ट के बाद सीआरएस इस खण्ड में रेलगाड़ियों के संचालन की अनुमति देगा। पिछले दिनों थिरूवरूर से थिरूथुरईपुंडी के बीच 25 किलोमीटर की दूरी में एक लोकोमोटिव इंजन दौड़ाकर देखा गया था। इंजन ने यह दूरी लगभग एक घंटा और 30 मिनट में पूरी की थी। उसके बाद से ही सीआरएस सर्वे की तैयारियां शरू हो गई थी। कमीश्नर आॅफ रेलवे सेफ्टी बारीकि से खण्ड का निरीक्षण करेंगे। सीआरएस सर्वे होने के बाद इस खण्ड में ट्रेन फिर से दौड़ने लगेगी। लगभग 6 साल पहले आमान परिवर्तन (gauge conversion) के समय बाद हुई रेलगाड़ियों के चलने से इस क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा। हालांकि इस खण्ड पर पहले दिसम्बर 2018 में सीआरएस सर्वे की बात कही गई थी लेकिन यह किन्ही कारणों से टल गया था।
14 बड़े पुल और 202 माइनर ब्रिज
यह खण्ड लगभग 185 किलोमीटर वाले आमान परिवर्तन परियोजना मैलडुथुरई-थिरूवरूर- थिरूथुरईपुंडी- पट्टुक्कोटई-करईकुंडी का हिस्सा है। यह परियोजना लगभग 500 करोड़ रूपए की है। दक्षिण रेलवे की ओर से आमान परिवर्तन का कार्य लगभग 6 साल पहले शुरू किया गया था। थिरूवरूर- थिरूथुरईपुंडी- पट्टुक्कोटई खण्ड में 14 बड़े पुल और 202 माइनर ब्रिज हैं। इस खण्ड में काम पूरा हो चुका है। इन दिनों थिरूथुरईपुंडी से अगस्थियामपल्ली के बीच 17 किलोमीटर की दूरी में मामूली काम चलरहा है। यह भी शीघ्र पूरा हो जाएगा।