स्टीम इंजन की यात्रा का मजा लो मात्र 10 रूपए में

छुक-छुक करती रेल चली,
धुंआ उड़ाती रेल चली,
हू-हू करती रेल चली,
बस्ती इधर, उधर जंगल,
चुप्पी इधर, उधर हलचल,
दिल की आग छिपाती-सी,
हंसकर धुंआ उड़ाती -सी,
तन पर सबकुछ झेल चली,
छुक-छुक कर रेल चली….

दिल्ली। प्रसिद्ध कविक कांति मोहन सोज की बाल कविता। हो सकता है यह कविता आपने बचपन में सुनी हो। धुंआ उड़ाती रेल अब सिर्फ कविताओं में ही है। अब रेलगाड़ी के चलने पर सिर्फ स्टार्ट के समय इंजन के पास डीजल का कुछ धुंआ उड़ता है वो भी एक दो डिब्बों के बाद गायब हो जाता है। इलेक्ट्रिक इंजन से तो धुंआ उठता ही नहीं। असल में धुआं उठता था कोयले वाले इंजन से। धुंआ भी ऐसा कि अंंितम डिब्बे में बैठे गार्ड बाबू के धवल वस्त्र भी काले हो जाते थे। भाप वाले इंजन से जब-जब धुंआ उठता डिब्बों में बैठे यात्रियों का मन मयूर पुलकित हो जाता क्योंकि जैसे ही धुंआ उठता, रेलगाड़ी की स्पीड बढ़ जाती थी। आज के जमाने के बच्चों ने भाप के इंजन के बारे में केवल किताबों में ही पढ़ा है। अगर देखा है तो फिल्मों में, यू ट्यूब पर या कल्पनाओं में। लेकिन भारतीय रेलवे ने एक योजना बनाई है -हेरिटेज ट्रेन (heritage train)। हेरिटेज ट्रेन (heritage train) पैकेज के साथ रेलवे यात्रियों को न केवल स्टीम इंजन देखने का मौका दे रही है बल्कि आप इसकी सवारी का लुत्फ भी उठा सकते हैं। रेलवे इस हेरिटेज ट्रेन (heritage train) को चलाने की लम्बे समय से योजना बना रहा था लेकिन जगह तय नहीं कर पा रहा था। अब जगह फाइनल होगई तो तारीख और किराए को लेकर रस्साकस्सी चली। आखिकार तारीख भी तय हो गई और किराया भी। हेरिटेज ट्रेन को 13 अप्रेल 2019से गढ़ी हरसरू से फरूखनगर के बीच चलाया जाएगा और किराया होगा मात्र 10 रूपए। इतने कम किराए में भाप वाले इंजन से यात्रा की जा सकेगी।

बुकिंग शुरू

इस यात्रा के लिए बुकिंग शुरू होगई है। आप अपना टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट या रेलवे के आरक्षण कार्यालय से करवा सकते हैं। गढ़ी हरसरू हरियाणा में गुड़गांव जिले का एक शहर और रेलवे स्टेशन है, वहीं फरूख नगर गुड़गांव में ही शहर का एक हिस्सा व नगरपालिका है। बच्चों के लिए स्टीम इंजन की सवारी रोमांचकारी होगा। इस ट्रेन का नाम स्टीम एक्सप्रेस डब्ल्यूपी 7200 है। यह एक ब्राॅडगेज 1947 स्टीम इंजन द्वारा संचालित की जाएगी। इस ट्रेन को आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है।