चितरंजन। भारतीय रेलवे (indian railway) ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे ने 180 किलोमीटर स्पीड (speed 180kmph) से दौड़ने वाला लोको इंजन बनाया है। पश्चिम बंगाल स्थित चितरंजन लोकोमोटिव वक्र्स फैक्ट्री में बना यह स्पीड इंजन जल्दी ही 180 किलोमीटर स्पीड (speed 180kmph) से रेलवे की पटरियों पर दौड़ता हुआ नजर आएगा। इस इंजन को 180 किलोमीटर प्रतिघंटा (speed 180kmph) की रफ्तार से चलाकर टेस्ट भी किया जा चुका है। यह अपनी हर परीक्षा में खरा उतरा है। भारतीय रेल प्रशासन इसे शीघ्रातिशीघ्र अपने बेड़े में शामिल करना चाहता है।
मेक इन इंडिया अभियान: इस इंजन को मेक इन इंडिया (make in india) अभियान के तहत बनाया गया है। इस तरह के इंजनों का इस्तेमाल आने वाले समय में राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और तेजस जैसी ट्रेनों में किया जाएगा। इसके लिए ट्रैक भी ठीक किए जा रहे हैं। पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट किया था और इसमें बताया था कि चितरंजनपुर लोकोमोटिव कारखाने ने 180 किलोमीटर स्पीड (speed 180kmph) वाला इंजन बना लिया है। इस इंजन का भारत सरकार के मैक इन इण्डिया अभियान के तहत निर्माण किया गया है।
मिशन रफ्तार: भारतीय रेलवे अपनी पैसेंजर और मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में मिशन रफ्तार के तहत रेलवे ने नई दिल्ली – हावड़ा रूट (कानपुर-लखनऊ सहित) पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने के लिए काम शुरू कर दिया है। दिल्ली – हावड़ा सेक्शन पर स्पीड बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने से पैसेंजर ट्रेनों की एवरेज स्पीड 60 फीसदी से अधिक बढ़ जाएगी। सरकार ने 2022 – 23 तक मालगाड़ियों की एवरेज स्पीड को दो गुना तक बढ़ाने की बात कही है। नई दिल्ली – हावड़ा रूट पर ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाए जाने से नई दिल्ली से हावड़ा के बीच यात्रा के समय में 5 घंटे से अधिक की कमी आएगी. इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ियां चलाई जा सकेंगी.