railway solar energy: एनएफआर करेगा 8000kw का उत्पादन

गुवाहाटी। रेलवे सौर उर्जा (railway solar energy) पर बहुत ध्यान दे रहा है। हर जोन को रेलवे सौर उर्जा (railway solar energy) के लिए प्रेरित कर रहा हैै। नाॅर्थ फ्रंटियर रेलवे शीघ्र ही सौर ऊर्जा के उत्पादन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करने वाला है। एनएफआर 8000 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा जिससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा फायदा होगा। भारतीय रेलवे में एनएफआर सबसे कम प्रदूषण फैलाने वाला रेलवे जोन है। जोन के अधिकांश स्टेशनों पर सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा हैै। यद्यपि रेलवे परिवहन के सबसे कम प्रदूषण फैलाने वाले साधनों में से एक है, लेकिन भारतीय रेलवे अपनी भावी पीढ़ी और पर्यावरण संरक्षण में सकारात्मक योगदान के लिए अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह अवगत है। इस दिशा में, भारतीय रेलवे ने जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके उत्पादित ऊर्जा की खपत को कम करके अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए एक सचेत निर्णय लिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नाॅर्थ फ्रंटियर रेलवे ने सौर ऊर्जा (railway solar energy) का उपयोग करना शुरू कर दिया है और एलईडी लाइटों के साथ पारंपरिक प्रकाश व्यवस्था को बदलने की शुरुआत की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रत्येक स्टेशनों को 100ः एलईडी-प्रकाश व्यवस्था पहले ही प्रदान की जा चुकी है।

उत्पादन की योजना

यहाँ यह भी उल्लेखनीय उपलब्धि है कि गुवाहाटी स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे जोन का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन बन गया, ग्रिड से जुड़े सोलर पावर से पूरी तरह संचालित होगा। वर्ष 2017 में 700 किलोवाट का सौर संयंत्र यहां स्थापित किया गया था। इसके अलावा एनएफआर जोन में विभिन्न कार्यालयों, स्टेशन भवनों की छतों, रेलवे फाटकों पर लगे सौर पैनल के माध्यम से लगभग 2428 किलोवाट की सौर ऊर्जा पैदा कर रहे हैं। इससे पूर्वोत्तर रेलवे में हर साल लगभग 2 करोड़ रूपए की बचत हो रही है। सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अभी एक और संयत्र की स्थापना की योजना है जिससे लगभग 1043 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा। इसके अलावा शीघ्र ही लगभग 4365 किलोवॉट सौर ऊर्जा की स्थापना की भी योजना है। एक बार इन सबके चालू हो जाने के बाद, एनएफआर में कुल सौर ऊर्जा उत्पादन लगभग 8000 किलोवाट तक पहुंच जाएगा, जिससे लगभग 37 लाख यूनिट स्वच्छ और हरित बिजली का उत्पादन होगा, जिससे हर साल 4.73 करोड़ रूप्ए की बचत होगी।