बीकानेर। रेल पटरियों को पार करते वक्त होने वाले रेल (rail) हादसों पर अंकुश लगाने तथा ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने के उद्देश्य से दुलचासर, देराजसर,नापासर सहित विभिन्न रेल मार्गों पर बनाए गए रेल अण्डर ब्रिज (rail under bridge) बारिश के दिनों में सुविधा की बजाय दुविधा बन गए है। तकनीकी खामी के चलते बारिश के दौरान ये रेल अण्डर ब्रिज (rail under bridge) पानी से भर जाते है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आनन-फानन में रेलवे ने रेल अण्डर ब्रिज (rail under bridge) बनाकर पटरियों के पार जाने के लिए काफी हद तक ग्रामीणों को राहत जरूर दी है। किंतु अण्डर ब्रिज बनाते वक्त रही तकनीकी खामी की ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका खमियाजा बारिश के दिनों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश के दिनों पानी से भरने वाले इन अण्डर ब्रिज से पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की है। हालांकि रेल प्रशासन की ओर से पानी की निकासी के दावे भी किए जा रहे है। किंतु मामूली बारिश में ढलाननुमा इन अण्डरब्रिज में भरने वाली बरसात का पानी रेल प्रशासन के इन दावों की कहीं न कहीं पोल खोल रहा है।
मामूली बारिश से ये हाल, मानसून बाकी
पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने तथा अरब सागर की नम हवा विक्षोभ से टकराने की वजह से बने चक्रवात के चलते मौसम में आए बदलाव के बाद हुई मामूली बारिश से ही कई रेलवे अण्डरब्रिज पानी से भर गए थे। इस पानी की निकासी के कोई प्रयास नहीं किए गए है और न ही अभी तक पूरी तरह से यह पानी सूखा है। जिसके कारण गांव से खेतों में बनी ढाणियों में जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। जबकि पूरा मानसून अभी शेष है। उस वक्त और मुश्किलें और बढऩे वाली है।
कमोबेश यही स्थिति निचले स्थानों की
हालांकि मानसून के प्रदेश में पहुंचते-पहुंचते अभी वक्त लगेगा, किंतु अतिवृष्टि के दौरान होने वाले नुकसान से निपटने के लिए हाल फिलहाल जिला व उपखण्ड स्तर पर अभी तक कोई तैयारी तक नहीं की है। बीकानेर जिला मुख्यालय सहित जिले के कई गांव ऐसे है। जहां बारिश के दौरान बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाते है। जिसका सामना लोगों को करना पड़ता है। गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों में बीकानेर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ भी आई है। इसके बावजूद प्रशासन ने उससे कोई सबक नहीं लिया। मानसून से पूर्व बरसाती पानी के भराव वाले स्थानों का चयन कर अभी से प्रशासन को तैयारीपूर्वक लोगों को निजात दिलाने की जरूरत है।