बीकानेर। निजी क्षेत्र को रेलगाड़ियों का संचालन सौंपना ही रेलवे का निजीकरण (rail privatisation) है। आईआरसीटीसी की ओर से तेजस ट्रेन का संचालन शुरू करना भी रेलवे का निजीकरण (rail privatisation) की ओर बढ़ता कदम होगा। आईआरसीटीसी की ओर से पहली बार तेजस ट्रेन का सम्पूर्ण संचालन अपने हाथ में लिया जा रहा है। यह भारतीय रेलवे की पहली निजी क्षे़त्र की ट्रेन बन जाएगी। एक प्रकार से इससे रेलवे की निजीकरण (rail privatisation) की शुरूआत हो जाएगी। क्योंकि आईआरसीटीसी इसे बाद में पूरी तरह निजी हाथों में सौंप देगी।
4 अक्टूबर से होगी शुरू
आईआरसीटीसी इसी साल 4 अक्टूबर से तेजस ट्रेन का संचालन शुरू कर देगी। यह ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के लिए चलेगी। यह सप्ताह में छह दि नही संचालित की जाएगी। मंगलवार को इसका रखरखाव किया जाएगा। इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए 15 दिन पहले बुकिंग करवानी होगी। रेलवे का मानना है कि यह सामान्य ट्रेनों से हटकर है। इसमें यात्रा करने के लिए 15 दिन पहले ही तेजस एक्सप्रेस की बुकिंग प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। इसका किराया डायनामिक प्राइसिंग के तहत होगा। यानि डिमांड के हिसाब से किराए में घट-बढ़ होगा। लेकिन यह भी तय है कि उसी रूट पर हवाई किराए से आधे से उपर नहीं जाएगा।
rail privatisation सब कुछ निजी
चरणबद्ध तरीके से इस ट्रेन का पूरी तरह निजीकरण किया जा रहा है। आईआरसीटीसी की ओर से संचालित तेजस ट्रेन में टिकटिंग स्टाफ, आॅन बोर्ड हाउस कीपिंग स्टाफ, कैटरिंग स्टाफ, लगेज स्टाफ सभी कर्मचारी निजी होंगे। इसके अलावा एयर होस्टेस के समान ट्रेन होस्टेस भी रखे जाएंगे। शुरूआती तौर पर ट्रेन ड्राइवर, गार्ड व आरपीएफ स्टाफ भारतीय रेलवे मुहैया करवाएगा। धीरे-धीरे ये भी निजी हो जाएंगे। हालांकि आईआरसीटीसी इसके लिएटेण्डर प्रक्र्र्र्र्र्र्र्र्रिया अपनाएगी । ट्रेन के संचालन के लिए आईआरसीटीसी भारतीय रेलवे को ढुलाई चार्ज देगी। शीघ्र ही मुम्बई-अहमदाबाद रूट पर भी आईआरसीटीसी तेजस ट्रेन चलाएगी।