-किराए में 25 प्रतिशत कम करने के संकेत
-राजेन्द्र एस़-
(Bureau Chief)
नई दिल्ली। रोडवेज और सस्ती एयरलाइंस से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे रेलवे ने अब शताब्दी एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के किराए (rail fare) में 25 प्रतिशत तक रियायत देने की तैयारी की है। जिससे इनमें टिकटों की बिक्री बढ़ सके। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शताब्दी एक्सप्रेस में 25 प्रतिशत और तेजस में 50 प्रतिशत किराया कम करने के संकेत दिए हैं। अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि किराए (rail fare) में यह रियायत वातानुकूलित कुर्सी यान, एक्जीक्यूटिव कुर्सी यान सीटों के आधार पर किराए में दी जाएगी तथा जीएसटी, आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क और अन्य अलग से लगाए जाएंगे। जिन ट्रेनों में पिछले साल मासिक 50 फीसद से कम टिकट बिकीं उनमें रियायत दी जाएगी।
मुख्य वाणिज्य प्रबंधक को अधिकार
रेल मंत्रालय ने मंडलों के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को तय ट्रेन में रियायती किराया योजना शुरू करने के लिए अधिकार देने का फैसला किया है। हालांकि उसने कुछ दिशानिर्देश तय किए हैं। अधिकारी ने बताया, मंत्रालय ने कहा है कि रियायती मूल्य तय करते वक्त प्रतिस्पर्धात्मक किराया एक पैमाना होना चाहिए और यात्रा के सभी हिस्सों के लिए रियायत की पेशकश की जाएगी चाहे वह यात्रा का पहला चरण हो, मध्य चरण या आखिरी हिस्सा। मंत्रालय ने कहा कि रियायत की पेशकश वार्षिक, अर्धवार्षिक, मासिक या सप्ताहांत के आधार पर की जा सकती है। जब ये योजना लागू रहेगी तब शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में श्रेणीवार रियायत या फ्लेक्सी फेयर योजना लागू नहीं रहेगी।
तेजस का किराया (rail fare) विमान की तुलना में 50 फीसदी कम
रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी द्वारा संचालित की जाने वाली दो तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया उसी मार्ग पर चलने वाले विमानों की तुलना में 50 फीसदी कम होगा। रेलवे की पर्यटन एवं खानपान शाखा इंडियन रेलवे टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी irctc) को दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस और अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया तय करने की छूट दी गई है। कुछ ट्रेनों को चलाने का जिम्मा निजी हाथों में देने की रेलवे की योजना से पहले प्रयोग के तौर पर आईआरसीटीसी को इन ट्रेनों को चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। इन दोनों ट्रेनों का किराया इसी मार्ग पर चलने वाले विमानों के किराए से 50 प्रतिशत कम होगा। यहां तक कि व्यस्ततम समय में किराए के दर में उतार-चढ़ाव के बावजूद टिकट की कीमत विमानों के किराए से कम होगी। उन्होंने बताया कि इन ट्रेनों में किसी भी यात्री के लिए न तो रियायत होगी और न ही कोटा होगा, भले ही वह वीआईपी ही क्यों न हो।