-श्याम मारू-
(Burau Chief)
नई दिल्ली। निजी ट्रेन (private train) में किराया तय करने की मनमानी नहीं चलेगी। भारतीय रेलवे शीघ्र एक समिति का गठन करेगा। जो प्राइवेट ऑपरेटर्स की ओर से तय किए गए किराए पर नजर रखेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव का कहना है कि निजी ट्रेनों (private train) का किराया तय करने की जिम्मेदारी निजी संचालको के पास ही रहेगी। समिति किराए के मामले में निजी ऑपरेटर्स की मनमनी नहीं चलने देगी। साथ ही रेल विकास प्राधिकरण आरडीए को निजी ट्रेन (private train) ऑपरेटर्स के लिए सीमा व दिशा निर्देशों को परिभाषित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक का दर्जा देने पर भी विचार चल रहा है। इसका अर्थ यह होगा कि निजी ऑपरेटर्स यात्रियों की मांग बढ़ने या अन्य किसी भी परिस्थितियों में बहुत ज्यादा कीमत नहीं वसूल कर सकेंगे। आरडीए को ही निजी ऑपरेटर्स के लिए नियम और शर्तें तय करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
किराए को लेकर असमंजस
किराए को लेकर अभी तक स्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। कुछ दिनों पहले यह कहा गया था कि तेजस ट्रेन (tejas Train) में किराया फ्लाइट की तुलना में काफी कम होगा। बाद में कहा गया कि किराया यात्रियों की संख्या के अनुसार घटता-बढ़ता रहेगा। हालांकि लोगों का कहना है कि तेजस का किराया फ्लाइट की तुलना में 50 फीसदी कम होने पर ही अपेक्षाकृत ज्यादा फायदा होगा। हालांकि, किराए को लेकर अभी तक आईआरसीटीसी की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, इतना तय है कि नई दिल्ली-लखनउ रूट पर इसका किराया अगर कम रहता है तो मुसाफिरों को काफी फायदा होगा। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अभी किराए और अन्य चीजों को लेकर नियम तय नहीं हुए हैं। हालांकि, इनको लेकर बड़ी तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि कई उद्योगपतियों ने प्राइवेट ट्रेन ऑपरेट करने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया, लेकिन यह जरूर कहा कि उचित और पारदर्शी तरीके से निजी ऑपरेटर्स के हाथों में ट्रेन परिचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। निजी ऑपरेटर्स पर लगाम कसने के लिए किराए पर उपरी कैप लगाई जाएगी, यानि इससे ज्यादा किराया वे किसी भी सूरत में नहीं ले सकेंगे।