metro on tier: अब शहरों में टायरों पर दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन

टायरों पर चलने वाली मेट्रो (metro on tier) में होंगे पांच कोच
नई दिल्ली।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने मेट्रो रेल के सस्ते विकल्प के रूप में खासकर छोटे शहरों को ध्यान में रखकर स्टील के बजाय रबर के टायरों पर चलने वाली मेट्रो रेल (metro on tier) के परिचालन के मानक तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है। महाराष्ट्र के नासिक शहर से टायरों पर चलने वाली मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत संभावित है। आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि मौजूदा स्वरूप में चल रही मेट्रो रेल के आकार की तुलना में छोटी मेट्रो (मेट्रो लाइट) रेल नीति बनाने के बाद मंत्रालय ने इससे भी किफायती तकनीक पर आधारित टायर पर चलने वाली मेट्रो रेल के परिचालन की पहल की है। उन्होंने इसे मेट्रो रेल और मेट्रो लाइट से भी किफायती बताते हुए कहा, हमने टायर पर चलने वाली मेट्रो (metro on tier) के मानक तय करने के लिए समिति गठित की है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद टायर पर मेट्रो चलाने की परियोजना की नीति बनाकर इसे राज्यों और जनसाधारण के सुझावों के लिए पेश किया जाएगा।

metro on tier की लागत कम

उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में मेट्रो रेल के परिचालन की लागत 300 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर है। वहीं, टायरों पर चलने वाली मेट्रो रेल मेट्रो लाइट की परिचालन लागत 100 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर और टायर पर मेट्रो चलाने की अनुमानित लागत 60 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर होगी। पुरी ने कहा कि पांच गुना किफायती तकनीक पर चलने वाली इस मेट्रो का परिचालन छोटे शहरों के लिए मुफीद होगा। पुरी ने बताया कि मेट्रो लाइट की नीति को मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने भी द्वारका सेक्टर 25 से कीर्तिनगर तक 20 किमी के दायरे में इसके परिचालन को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय को अब इसके परिचालन के लिए दिल्ली सरकार से प्रस्ताव मिलने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि मेट्रो लाइट के परिचालन की प्रक्रिया का अनुपालन टायर पर चलने वाली मेट्रो के लिए भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गत अगस्त में महाराष्ट्र सरकार ने नासिक शहर के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में मेट्रो को अनिवार्य अंग के रूप में शामिल करते हुए नियो मेट्रो परियोजना के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी प्रदान की थी। आवास शहरी मामलों के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि नासिक में सभी रूट पर टायर पर चलने वाली मेट्रो चलाने की योजना है। स्पष्ट है कि इसके लिए नासिक प्रशासन को टायर पर चलने वाली मेट्रो के मानक तय होने तक समिति की रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा।

परिचालन बिजली-बैटरी से

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नियो मेट्रो मूलतरू टायर पर चलने वाली मेट्रो परियोजना है। इसमें बस के आकार से थोड़े बड़े कोच लगाए जाएंगे। प्रत्एक रेल गाड़ी में कोच की संख्या दो से पांच तक होगी। इसका परिचालन बिजली और बैटरी से किया जा सकेगा। इसमें बिजली से चलने वाली नियो मेट्रो के लिए बिजली की आपूर्ति रेल गाड़ी के ऊपर (ओवर हेड) या पटरी के बीच में बिजली की केबिल द्वारा की जाएगी।