-ग्रामीण क्षेत्रों को जोडने के लिए मेट्रो ऑन टायर (metro on tier) बेहतर विकल्प
-श्याम मारू-
नई दिल्ली। टायर पर मेट्रो ट्रेन चलाने वाला दिल्ली भारत मे दूसरा शहर होगा। टायर पर चलने वाली मेट्रो के परिचालन को गुजरात के सूरत में भी चलाने की योजना को मंजूरी दी गई है। दिल्ली मेट्रो के 4थे चरण में जिन तीन कॉरीडोर को काम अभी अधूरा है, उनमें सरकार टायर पर चलने वाली मेट्रो (metro on tier) रेल के परिचालन की संभानाएं तलाश रही है। आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि मेट्रो रेल चैथे चरण के तीन कॉरीडोर का काम अभी शेष है। इनमें कम लागत वाली मेट्रो ऑन टायर (metro on tier) और मेट्रो लाइट चलाई जाएगी। पुरी ने स्पष्ट किया कि किस इलाके में कौन सी मेट्रो चलाई जाए, यह यात्रियों की संभावित संख्या पर निर्भर करेगा। कम मांग वाले शहर के बाहरी इलाकों में ग्रामीण क्षेत्रों को मेट्रो रेल से जोडने के लिए मेट्रो लाइट और मेट्रो ऑन टायर बेहतर विकल्प होंगे। मेट्रो लाइट और मेट्रो ऑन टायर में छोटे आकार के तीन से छह तक कोच होंगे। इसे छोटे शहरों में चलाए जाने की योजना है।
metro on tier: लागत से पांच गुणा कम
उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेट्रो रेल प्रबंधन (डीएमआरसी) ने द्वारका सेक्टर 25 से कीर्ति नगर के बीच 19 किमी के रूट पर देश की पहली मेट्रो लाइट चलाने की तैयारी कर ली है। इस मार्ग पर मेट्रो लाइट का काम शुरु करने के लिए डीएमआरसी को दिल्ली सरकार और फिर केन्द्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है। पुरी ने कहा, तीसरे फेज का काम पूरा हो रहा है, चैथे फेज में तीन चरण का काम हो गया है तीन का बाकी है, इनमें मेट्रो लाइट और टायर पर मेट्रो चलाने की योजना है। उन्होंने कहा कि टायर पर चलने वाली मैट्रो की परिचालन लागत, मैजूदा मेट्रो की परिचालन लागत से पांच गुणा तक कम होगी। इसी प्रकार मेट्रो लाइट की लागत मौजूदा मेट्रो से 30 प्रतिशत कम होगी। पुरी ने कहा कि चैथे चरण में शेष बचे तीन कॉरीडोर पर मौजूदा परिचालन वाली मेट्रो रेल के बजाय छोटी मेट्रो चलाने का फैसला किया गया है। किस रूट पर कौन सी मेट्रो चलेगी, यह डीएमआरसी के प्रस्ताव पर निर्भर करेगा।