कालका-शिमला ट्रेन को भी बदलने की तैयारी है। भारतीय रेलवे कालका और शिमला के बीच चलने वाली नैरोगेज की रेलगाड़ी को भी इलेक्ट्रिक ट्रेन बनाने की सोच रहा है, लेकिन इसके लिए भारत को यूनेस्को से इजाजत लेनी पड़ेगी। सूत्रों के अनुसार हैरिटेज (विरासत) कालका-शिमला रेलमार्ग को भी विद्युतीकृत करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।यूनेस्को द्वारा विरासत स्थल घोषित किए जाने के कारण इस कार्य के लिए उसकी सहमति जरूरी होगी। विद्युतिकरण के बाद ही कालका-शिमला ट्रेन को इलेक्ट्रिक किया जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में रेल मंत्री जल्द ही यूनेस्को से आग्रह कर सकते हैं। हालांकि विरासत घोषित करने के पीछे यही कारण है कि आज तक उसे कोयले के ईंधन से चलाया जा रहा है। कालका-शिमला ट्रेन को इलेक्ट्रिक बनाने के बाद लोगों का रूझान कम हो सकता है। अधिकांश लोग ईंजन से निकलते कोयले के धुंए को देखकर ही रोमांचित होते हैं।
वाई-फाई की सुविधा
वैसे शिमला से कालका के बीच इस ट्वाय ट्रेन का अपना ही मजा है। इन दिनों भारतीय रेलवे पर्यटकों की लुभाने के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है। रेलवे इस रूट पर भी अब नई नई सुविधाएं देने की योजना बना रहा है। पहले चरण मे कालका से शिमला के बीच चलने वाली इस रेलगाड़ी के सभी 18 कोच को वाईफाई की सुविधा से युक्त कर दिया गया है। इन स्टेशनों पर अब निशुल्क इंटरनेट का मजा ले सकते हैं। यह सुविधा भारत के डिजीटल इंडिया की स्कीम के तहत मुहैया करवाई गई है। जिन रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है उनमें बड़ोग, धरमपुर,हिमांचल, गुम्मन, कोठी, कुमारहट्टी, सोनवारा, टक्साल, कंडाघाट, सलोगडा, कनोह, कैथलघाट, सोघी, तारा देवी, जुटोघ और समरहिल रेलवे स्टेशन शामिल हैं। इस सेवा के उपयोग के लिए आपको अपना मोबाइल नम्बर का पंजीयन करवाना होगा। पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पहाड़ों में हुई बर्फबारी के बाद इस ट्वाय ट्रेन का एक वीडीयो जारी कर लोगों को खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठाने की सलाह दी थी।