Intermediate block signal : रेलखण्ड की क्षमता बढ़ाएगा इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल सिस्टम

Intermediate block signal

-पश्चिम मध्य रेलवे ने लगाए 102 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल (Intermediate block signal)

-रेल संदेश डेस्क-
जबलपुर। ट्रेनों की गति और रेलखण्ड की क्षमता बढ़ाने के लिए इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल (Intermediate block signal) स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कडी में पश्चिम मध्य रेलवे ने माह मार्च 2022 में कटनी-बीना रेललाइन खण्ड में सागर से मकरोनिया स्टेशनों के मध्य एक और अत्याधुनिक तकनीक का नया इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल स्थापित किया है। इस साल का यह छठवां इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल सिस्टम (Intermediate block signal) है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेलवे (west central railway) के तीनों मण्डलों में मिलाकर कुल 102 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल सिस्टम स्थापित किये जा चुके है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पश्चिम मध्य रेल ने बागरातवा-गुरमखेड़ी स्टेशनों, कटंगिखुर्द-सलहना स्टेशनों, मझगवां- टिकरिया स्टेशनों, टिमरनी-पगढाल स्टेशनों, जोबा-डुबरीकलां स्टेशनों और सागर-मकरोनिया स्टेशनों के बीच कुल 06 आईबीएस स्थापित किये।

भारतीय रेल में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनलिंग व्यवस्था (आईबीएस प्रणाली) से डबल लाइन सेक्शन पर रेलखंड क्षमता बढ़ाने के लिए की जाती है। आईबीएस के माध्यम से एक लंबे रेल खंड को दो खंडों में विभाजित कर ज्यादा से ज्यादा रेल गाड़ियां चलाई जा सकती है।

क्यों है खासं इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनल (Intermediate block signal)

 यह पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित है।
 इससे इन खंडों के सेक्शन क्षमता में वृद्धि होगी एवं ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी।
 आईबीएस में ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट की आवश्यकता नहीं होती है तथा नहीं स्टेशन मास्टर और ऑपरेटिंग स्टाफ की आवश्यकता होती है जिससे ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट, स्टेशन बिलिं्डग और ऑपरेटिंग स्टाफ पर होने वाले खर्च की बचत होती है।
 आईबीएस प्रणाली रेलगाड़ियों की निकटता को कम से कम करती है और ट्रेन की गति को बढ़ाती है, जिससे समय की बचत होती है।
 पश्चिम मध्य रेल द्वारा नई तकनीक की डिजिटल प्रणालियों की सुविधाओं को उपयोग करने में सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। उच्च तकनीक की नई प्रणालियों को उपयोग करने में पमरे आगे की ओर बढ़ रहा है।