नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने 2017-19 के दौरान फ्लेक्सी किराए या डायनेमिक किराए के माध्यम से टिकटों की बिक्री के जरिए अतिरिक्त 20 प्रतिशत राजस्व अर्जित किया। सूचना का अधिकार (आरटीआई) से मिले जवाब में यह खुलासा हुआ। इसके अनुसार उक्त अवधि में रेलवे को 10,072 करोड़ रुपए की आय हुई जिसमें से 2,217 करोड़ उसने फ्लेक्सी किराए से अर्जित किए। रेल मंत्रालय ने हाल में फ्लेक्सी किराया योजना में संशोधन किया है। यह योजना 13,452 ट्रेनों में से फिलहाल 141 ट्रेनों पर लागू है। यह सिर्फ एसी टू टियर, एसी थ्री टियर, एसी चेयर कार, स्लीपर और द्वितीय श्रेणी (आरक्षित) टिकटों पर लागू है। 2017-2018 में रेलवे ने टिकट बिक्री से 4,901 करोड़ रुपए की कमाई की जिनमें।,063 करोड़ रुपए उसे फ्लेक्सी किराए से मिले। 2018-2019 में फ्लेक्सी किराए से रेलवे ने।,153 करोड़ रुपए की कमाई की जबकि कुल टिकट से उसने 5,171 करोड़ रुपए कमाए। 2016 में यह योजना शुरू की गई थी और यह राजधानी, शताब्दी एवं दुरंतों ट्रेनों पर लागू की गई है, जिसमें 10 प्रतिशत सीटें सामान्य किराया दर पर जबकि इसके बाद हर 10 फीसदी सीटों के आरक्षण पर किराए में 10 फीसदी के इजाफे का प्रावधान है। किराए में अधिकतम इजाफे की सीमा 50 फीसदी है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में कहा था कि फ्लेक्सी किराया प्रणाली को हटाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि इससे अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो रही है। मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई कानून का इस्तेमाल करते हुए आवदेन कर यह जानकारी मांगी थी।