electric saving railway रेलवे ने अपनाए बिजली बचाने के तरीके

नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि भारत में हर दिन रेलगाड़ियों के संचालन, रेलवे स्टेशनों को रोशन करने और अन्य सेवाओं को प्रदान करने में कितनी बिजली की खपत होती है। आपको सुनकर आश्चर्य होगा इन कामों के लिए रेलवे हर दिन लगभग 560 लाख यूनिट बिजली का उपयोग करता है। भारतीय रेलवे बिजली बचाने (electric saving railway ) के लिए कई उपाय कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण रेलवे ने अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने की योजना बनाई है। इसमें 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा और 200 मेगावाट पवन ऊर्जा के स्रोत की योजना शामिल है। साथ ही रेलवे कार्बन फुटप्रिंट्स कम करने के लिए ऊर्जा का दक्षता (electric saving railway ) से उपयोग करने पर जोर दे रहा है।

रेलवे में बिजली बचत के उपाय

  • पॉवर कारों में डीजल ईंधन की खपत को कम करने के लिए गाड़ियों में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली को शुरू करना।
  • रेलवे स्टेशनों, सेवा भवनों, आवासीय क्वार्टरों और कोचों सहित सभी रेलवे प्रतिष्ठानों में लाइट एमिटिंग डायोड (एलईडी) प्रकाश का प्रावधान करना।
  • फाइव स्टार रेटेड बिजली के उपकरणों का उपयोग करना
  • डीजल लोकोमोटिव चालकों की यात्रा राशन के संबंध में ईंधन की खपत की निगरानी करना।
  • लोकोमोटिव के निष्क्रिय होने पर ईंधन की खपत को कम करने के लिए 986 डीजल रेलइंजनों में सहायक विद्युत इकाई (एपीयू) मुहैया कराई गई है।
  • रिमोट मॉनिटरिंग के जरिए डीजल रेलइंजनों की निष्क्रियता की निगरानी और लोकोमोटिव तथा गाड़ी प्रबंधन (जिसे रैमलोट कहा जाता है) की जा रही है । इस समय 2606 लोकोमोटिव रैमलोट से लैस हैं।
  • डेमू में 20 प्रतिशत कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) प्रतिस्थापन – सीएनजी के उपयोग से तरल ईंधन की तुलना में कम जीएचजी का उत्सर्जन होता है।
  • भारतीय रेलवे ने डेमू ड्राइविंग पावर कार (डीपीसी) को सीएनजी के साथ डुअल फ्यूल मोड में बदलना शुरू कर दिया है। 25 अदद डीपीसी को बदल दिया गया है और वे परिचालन में हैं।
  • कॉस्टिंग के उपयोग के लिए लोको पायलटों का नियमित प्रशिक्षण, पुनर्योजित ब्रेकिंग सुविधाओं और बिजली रेलइंजनों का ब्लोअर बंद करना यदि यार्ड में 50 मिनट से अधिक का ठहराव होता
  • खाली मालगाड़ियों को ले जा रही मल्टी यूनिट (एमयू) के पीछे जुड़े लोकोमोटिव को ऊर्जा बचाने के लिए बंद कर दिया जाता है।
  • सभी इलेक्ट्रिक रेलइंजनों में दिए गए माइक्रोप्रोसेसर आधारित ऊर्जा मीटरों के माध्यम से विद्युत रेलइंजनों की ऊर्जा खपत की नियमित रूप से निगरानी।