नई दिल्ली। रेलवे में भ्रष्टाचार(Corruption in railway) लगातार बढ़ता जा रहा है। उपरी स्तर पर यह कुछ ज्यादा ही है। सोमवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर रेलवे में भ्रष्टाचार(Corruption in railway) का भण्डाफोड़ किया। रेलवे के वरिष्ठ मण्डल सिक्ग्नल एण्ड टेलीकाॅम इंजीनियर (सीनियर डीएसटीई) और मण्डल सिग्नल एण्ड टेलीकाॅम इंजीनियर (डीएसटीई) को रिश्वत मांगने पर गिरफ्तार किया गया। इससे उच्च स्तर पर रेलवे में भ्रष्टाचार(Corruption in railway)
का खुलासा हुआ है। रेलवे बोर्ड (railway board) को इसकी जानकारी दे दी गई है।
10 लाख मांगे रिश्वत में
सीबीआई अधिकारियों नेे बताया कि एक ठेकेदार से बिल पास करने के लिए 10 लाख रूपए की रिश्वत मांगी गई। पीड़ित ठेकेदार ने सीबीआई में शिकायत की। सीबीआई ने पूरे मामले पर नजर रखकर पुष्टि की। रिश्वत मांगने की बात पुष्टि होने के बाद रेलवे के वरिष्ठ मण्डल सिक्ग्नल एण्ड टेलीकाॅम इंजीनियर (सीनियर डीएसटीई) नीरज पुरी गोस्वामी और मण्डल सिग्नल एण्ड टेलीकाॅम इंजीनियर (डीएसटीई) पी.के. सिंह को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद में तैनात हैं।
दो साल से अटका बिल
ठेकेदार ने सीबीआई को दी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मार्च 2017 में उसकी फर्म को आवंटित 1.43 करोड़ रुपए के निविदा कार्य में पांच-पांच लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार का कहना है कि उनकी फर्म ने आवंटित काम को पूरा कर दिया। कार्य पूरा होने के बावजूद बिल पास नहीं किए जा रहे थे। जब भी बिल की बात की जाती, वे कुछ न कुछ लेन-देन की बात करते। लम्बे समय तक बिल पास नहीं होने की वजह से फर्म को काफी नुकसान होने लगा था। यहां तक मजदूरों के भी भुगतान बकाया थे।सीबीआई ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार किया और छापेमारी के दौरान उनकी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त किया। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के बैंक खाते सीज कर दिए गए है। इनमें बड़ी मात्रा में सम्पतियों के पता चलने की उम्मीद है