मुंबई। सीएसएमटी के पास फुट ओवर ब्रिज गिरने की घटना के एक महीने के बाद मुम्बई महानगर पालिका ने रेलवे (railway) से पूछा है कि पुल टूटने के पीछे क्या अतिरिक्त भार कारण है। इस पुल सीएसमएटी के 1 से 18 नम्बर तक प्लेटफार्म जुड़े हुए हैं और रेलवे (railway) यात्री लगातार इससे आते-जाते रहते हैं। लोकल ट्रेन के यात्रियों का भार भी इसपर बना रहता है। महानगर पालिका के जवाब में रेलवे (railway) ने कहा है कि मानव भार की वजह से पुल नहीं ढह सकता।
आरोप-प्रत्यारोप
मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के पास एक फुटओवर ब्रिज (एफओबी) के ढहने की घटना के एक महीने बाद मुंबई महानगरपालिका और मध्य रेलवे के बीच इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मध्य रेलवे को पत्र लिखकर यह जानना चाहा कि क्या रेलवे के अधिकारियों ने सीएसएमटी में 18 प्लेटफॉर्मों को फुट ओवर ब्रिज से जोडने के बारे में उसे सूचित किया है। 40 साल पुराना हिमालय फुट ओवर ब्रिज सीएसएमटी के उपनगरीय ट्रेन प्लेटफॉर्म एक से सात और लंबी दूरी के ट्रेन प्लेटफॉर्म आठ से 18 से जुड़ा था। निकाय ने कहा कि वह सिर्फ जानना चाहती है कि क्या बाहरी ट्रेन प्लेटफॉर्म को जोडने से पुल पर भार बढ़ गया। हालांकि, मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यह कहना अपरिपक्वता होगी कि पुल मानव भार की वजह से ढहा। बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, हमारे पत्र को आरोप-प्रत्यारोप के तौर पर नहीं देखें। हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि क्या एफओबी (ढह चुके) के साथ बाहरी ट्रेनों के प्लेटफॉर्मों को जोडने से उस पर भार बढ़ा। संपर्क किए जाने पर मध्य रेलवे के अधिकारियों ने निकाय संस्था के पत्र पर आपत्ति की और कहा कि बीएमसी को जल्द इस पर जवाब दिया जाएगा।