rail electrification : पश्चिम मध्य रेलवे में 100 प्रतिशत विद्युतिकरण

rail electrification

-पूर्ण विद्युतिकरण (rail electrification)  होने से पर्यावरण संरक्षण

-रेल संदेश डेस्क-
जबलपुर। भारतीय रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा सुरक्षित बनता जा रहा है जिसमें पश्चिम मध्य रेल (west central railway)  द्वारा भी अहम भूमिका निभाई जा रही है। पेट्रोलियम आधारित ऊर्जा पर राष्ट्र की निर्भरता को कम करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए परिवहन के पर्यावरण अनुकूल, तेज एवं ऊर्जा मिशन मोड प्रदान करने की दृष्टि से रेलवे में विद्युतीकरण (rail electrification) पर बहुत जोर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि पश्चिम मध्य रेल ने अपने संपूर्ण ट्रेक को पहले ही 100 प्रतिशत विद्युतीकृत (rail electrification) कर लिया है। पूर्ण विद्युतीकरण(rail electrification)  होने से ट्रेन परिचालन सुगम बनाने के साथ-साथ खर्च मे ं भी भारी बचत हुई है। पश्चिम मध्य रेल इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अपने परिक्षेत्र की साइडिंगो को भी विद्युतीकृत करने के मिशन मोड़ पर कार्य कर रहा है। साइडिंगो के विद्युतीकृत होने से जहाँ एक ओर रेल परिचालन में अत्यधिक सुगमता होगी, वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई में राजस्व में वृद्धि होने की प्रबल संभावना बनती है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेल ने माह फरवरी 2022 में जबलपुर मण्डल के सतना-रीवा रेलखण्ड पर कैमा स्टेशन में नये ट्रैक्शन सब स्टेशन और कटनी-सिंगरौली रेलखण्ड पर मझौली स्टेशन में नये ट्रैक्शन सब स्टेशन का निर्माण कर विद्युतीकृत किया गया है। वर्ष 2021-22 में माह फ़रवरी तक पश्चिम मध्य रेल के तीनों मंडलों जबलपुर में 18 ट्रैक्शन सब स्टेशन, भोपाल में 15 ट्रैक्शन सब स्टेशन एवं कोटा में 13 ट्रैक्शन सब स्टेशन का निर्माण कर कुल 46 नये ट्रेक्शन सब स्टेशनों का निर्माण कर विद्युतीकृत किया गया है।
पश्चिम मध्य रेल हरित पहल में अग्रणी भूमिका निभाते हुए पर्यावरण सरंक्षण के लिए और इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार कर रेल परिचालन में सुगमता, विश्वविनियता और गतिशीलता में बढ़ोत्तरी के लिए नये ट्रैक्शन सब स्टेशन को बढ़ाने में विद्युतीकृत में निरंतर प्रयास किया जा रहा है।